देश में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए राशन लेने वाले लोगों को छह महीने का अनाज एक साथ लेने की इजाजत दी जाएगी। देश में करीब 75 करोड़ लोगों को सरकार रियायती दर पर अनाज मुहैया कराती है।
पासवान ने कहा कि अभी ऐसे लोगों को अधिकतम दो महीने का राशन एडवांस में लेने की इजाजत है। हालांकि, पंजाब सरकार पहले ही छह महीने का कोटा एक साथ दे रही है। उन्होंने कहा, ”हमारे गोदामों में पर्याप्त मात्रा में अनाज मौजूद है। हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के से गरीबों को छह महीने का राशन एक साथ देने को कहा है।”
गरीबों को सब्सिडी पर राशन देती है सरकार
पीडीएस के जरिए सरकार हर महीने पांच किलोग्राम अनाज रियायती दाम पर उपलब्ध कराती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत तीन रुपए प्रति किलो चावल और दो रुपए प्रति किलो गेंहू उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए देश में पांच लाख उचित मूल्य की दुकानें हैं। सरकार हर साल इस पर 1.4 लाख करोड़ रुपए खर्च करती है।
गरीबों को राशन की दिक्कत न हो: पासवान
कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार का यह फैसला शहरों में लॉकडाउन जैसे किसी प्रतिबंध की स्थिति में गरीबों के पास पर्याप्त राशन की मौजूदगी सुनिश्चित करेगा। ऐसी स्थिति में उन्हें राशन मिलने में दिक्कत हो सकती है। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पासवान ने ये भी कहा कि छह महीने का राशन एक साथ देने से केंद्रीय स्टोर पर भार भी कम होगा, क्योंकि अभी भी बड़ी मात्रा में गेहूं खुले में रखा हुआ है।
सरकार के पास सरप्लस भंडार मौजूद
उन्होंने कहा- सरकार के पास इस समय 435 लाख टन अनाज का सरप्लस भंडार है। इसमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं है। अप्रैल में पीडीएस के लिए करीब 135 लाख टन चावल और 74.2 लाख चावल की जरूरत है। हमारे पास मांग के मुताबिक पर्याप्त भंडार मौजूद है, इसलिए राज्य छह महीने का कोटा एडवांस में ले सकते हैं।